करेंट अफेयर्स 11 अप्रैल 2022

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11-Apr-2022 12+

करेंट अफेयर्स 11 अप्रैल 2022

1. 62वीं राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का उद्घाटन

 

  • हाल ही में केन्द्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने नई दिल्ली की एलकेए गैलरी में 62वीं राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी और कमानी सभागार में एसएनए अवार्डी परफॉर्मेंस फेस्टिवल का उद्घाटन किया।

 

  • इस अवसर पर फेलोशिप एवं पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने भी इन कार्यक्रमों में भाग लिया।

 

  • इस अवसर पर 62वीं एन.ई.ए कैटलॉग का विमोचन किया और ललित कला अकादमी की नई वेबसाइट का भी शुभारंभ किया।

 

राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का उद्देश्य

 

  • राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों एवं पुरस्कार विजेताओं की कला को प्रदर्शित करना है।

 

  • राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से ललित कला अकादमी द्वारा प्रदान किए जाने वाले अवसरों को दर्शाता है।

 

  • राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी भारतीय कला के प्रति विविध प्रकार की कलात्मक प्रतिक्रियाओं को दर्शाती है।

 

ललित कला अकादमी के बारे में

 

  • ललित कला अकादमी नई दिल्ली की स्थापना 5 अगस्त 1954 में की गयी।

 

  • ललित कला अकादमी उद्घाटन तत्कालीन शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के द्वारा किया गया।

 

  • ललित कला अकादमी को पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत संवैधानिक मान्यता प्रदान की गयी।

 

  • ललित कला अकादमी की स्थापना भारत सरकार द्वारा एक स्वायत्त निकाय के रूप में की गयी।

 

  • ललित कला अकादमी ने जनभागीदारी शीर्षक के तहत वॉल स्ट्रीट आर्ट को शुरू करने का फैसला किया है।

 

  • ललित कला अकादमी ने  कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए इस वर्ष से राष्ट्रीय पुरस्कारों की संख्या 15 से बढ़ाकर 20 कर दी है।

 

2. 'फोर्टिफाइड चावल' के वितरण की योजना को मंजूरी

 

  • हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने सरकारी योजनाओं में 'फोर्टिफाइड चावल' के वितरण की योजना को मंजूरी दी है।

 

  • इसके तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) और स्कूली बच्चों तथा आंगनवाड़ी लाभार्थियों के लिए पोषण सेवाओं जैसी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल बाँटा जाएगा।

 

  • इस योजना की लागत 2700 करोड़ है, जिसे केंद्र सरकार के द्वारा वहन किया जाएगा।

 

  • योजना को 2024 तक देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

 

योजना तीन चरणों में लागू होगी

 

  • पहला चरण: एकीकृत बाल विकास सेवाओं और पीएम पोषण (या पूर्ववर्ती मिड-डे मील) के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों को कवर किया जाएगा।

 

  • दूसरा चरण: मार्च 2023 तक सभी आकांक्षी ज़िलों सहित स्टंटिंग की अधिकता वाले जिलों में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली व अन्य कल्याणकारी योजनाओं में लागू किया जाएगा।

 

  • तीसरा चरण: दूसरे चरण के साथ बाकी बचे ज़िलों को मार्च 2024 तक कवर किया जाएगा।

 

  • पीडीएस के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल के वितरण के लिए एक पायलट परियोजना 2019-2020 से तीन साल की अवधि के लिए 11 राज्यों में लागू की गई थी।

 

फोर्टिफाइड चावल :

 

  • फोर्टिफाइड चावल में बड़ी मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं।

 

  • भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के मुताबिक़, फोर्टिफिकेशन 'जानबूझकर भोजन में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों की सामग्री को बढ़ाना' है।

 

3. भारतीय अंटार्कटिक विधेयक, 2022 को लोकसभा में पेश

 

  • हाल ही में भारतीय अंटार्कटिक विधेयक, 2022 को लोकसभा में पेश किया गया।

 

  • इस विधेयक का उद्देश्य अंटार्कटिक पर्यावरण और उससे संबद्ध पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर उपाय करना है।

 

  • यह अंटार्कटिक में भारत की अनुसंधान गतिविधियों के लिए एक नियामक ढाँचा प्रदान करेगा।

 

  • इस बिल से 1982 के Convention on the Conservation of Antarctic Marine Living Resources, 1959 की अंटार्कटिक संधि और 1998 के अंटार्कटिक के लिए पर्यावरण संरक्षण पर प्रोटोकॉल के तहत राष्ट्र दायित्वों को पूरा करने में मदद मिलने की उम्मीद है।

 

भारतीय अंटार्कटिक अभियान के बारे में

 

  • भारतीय अंटार्कटिक अभियान की शुरूवात 1981 में की गई थी।

 

  • भारतीय अंटार्कटिक अभियान का पहला दल डॉ. एसज़ेड क़ासिम के नेतृत्व में गया था जिसमें 21 वैज्ञानिकों और सहायक कर्मचारियों की एक टीम शामिल थी।

 

  • भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम ने अंटार्कटिका में तीन स्थायी अनुसंधान बेस स्टेशन बनाये है, जिसका नाम दक्षिण गंगोत्री, मैत्री और भारती है।

 

  • अंटार्कटिका में भारत के दो चालू अनुसंधान स्टेशन मैत्री और भारती कार्य कर रहें हैं।

 

  • नेशनल सेंटर फ़ॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (एनसीपीओआर), गोवा, भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम का प्रबंधन करता है।

 

  • भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम का मुख्‍य उद्देश्‍य जलवायु परिवर्तन, भूविज्ञान, महासागर पर्यवेक्षण, बिजली और चुंबकीय प्रवाह माप, पर्यावरण निगरानी पर चल रही वैज्ञानिक परियोजनाओं में सहयोग करना है।

 

  • अंटार्कटिक के लिए भारतीय मिशनों की उत्पत्ति संयुक्त भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन एवं रूस के हाइड्रोमेटोरोलॉजिकल सेंटर समझौतों से हुई है।

 

  • इस समझौतों से भारतीय डॉ परमजीत सिंह सेहरा, 1971-1973 के 17 वें सोवियत अंटार्कटिक अभियान में शामिल हुए।

 

  • भारत आधिकारिक तौर पर 1 अगस्त 1983 को अंटार्कटिक संधि प्रणाली में शामिल हुआ। 12 सितंबर 1983 को, देश अंटार्कटिक संधि का पंद्रहवां सलाहकार सदस्य बन गया।

 

4. क्वाक्वेरेली साइमंड्स (QS) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग सब्जेक्ट 2022 जारी की गई

 

  • हाल ही में, क्वाक्वेरेली साइमंड्स (QS) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग सब्जेक्ट 2022 जारी की गई। विषय के आधार पर QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग का यह 12वाँ संस्करण है।

 

  • ये रैंकिंग कुल 51 विषयों को कवर करती है, जिन्हें पाँच व्यापक विषय क्षेत्र में बाँटा गया है।

 

ये पाँच विषय हैं –

 

  • आर्ट्स और ह्यूमैनिटीज़, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, लाइफ साइंसेज़ और मेडिसिन, प्राकृतिक विज्ञान, सोशल साइंसेज़ और मैनेजमेंट।

 

शीर्ष स्थान पाने वाले विश्वविद्यालय/संस्थान

 

  • आर्ट्स और ह्यूमैनिटीज़- ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय

 

  • इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी - मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी

 

  • लाइफ साइंसेज़ और मेडिसिन - हार्वर्ड विश्वविद्यालय

 

  • प्राकृतिक विज्ञान - मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी

 

  • सोशल साइंसेज़ और मैनेजमेंट - हार्वर्ड विश्वविद्यालय

 

 

रैंकिंग में भारत : -

  • 16 उच्च शिक्षण संस्थानों में 35 कार्यक्रमों ने अपने-अपने विषयों में वैश्विक शीर्ष 100 में जगह बनाई।

 

  • पिछले साल 12 संस्थानों के 25 पाठ्यक्रमों ने शीर्ष 100 में जगह बनाई थी

 

  • इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी: IIT बॉम्बे और IIT दिल्ली क्रमशः 65वें और 72वें स्थान पर

 

  • आर्ट्स और ह्यूमैनिटीज़: शीर्ष 100 में कोई भारतीय विश्वविद्यालय नहीं

 

  • जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को 188वीं रैंक मिली - चेन्नई स्थित सविता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज़, दंत चिकित्सा के लिए वैश्विक स्तर पर 18वें स्थान पर रहा।

 

  • IIT मद्रास पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए 30वें स्थान पर रह कर भारत का सर्वोच्च रैंकिंग वाला सार्वजनिक संस्थान बन गया।

 

  • अन्य में IIT दिल्ली, IIT बॉम्बे, IIT मद्रास, IIT खड़गपुर, दिल्ली विश्वविद्यालय और भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु शामिल हैं।

 

  • विकास अध्ययन विषय में दिल्ली विश्वविद्यालय को 41वाँ स्थान मिला।

 

  • 'द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER), मोहाली' फार्मेसी और फार्माकोलॉजी विषय में 44वाँ स्थान लेकर देश का सर्वश्रेष्ठ फार्मा संस्थान बना।

 

5. अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) को मार्च 2023 तक विस्तारित

 

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) को मार्च 2023 तक विस्तारित कर दिया गया है।

 

  • अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) भारत में एक नवीनता की संस्कृति और उद्यमशीलता से संबंधित इकोसिस्टम विकसित करने के अपने लक्ष्य पर काम करेगा।

 

  • अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) द्वारा यह काम अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से किया जाएगा।

 

अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) द्वारा प्राप्त किए जाने वाले लक्ष्य :-

 

  • 50 अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर (एसीआईसी) की स्थापना करना।

 

  • 101 अटल इन्क्यूबेशन सेंटर (एआईसी) की स्थापना करना।

 

  • 10,000 अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) की स्थापना करना।

 

  • अटल न्यू इंडिया चैलेंजेज के माध्यम से 200 स्टार्टअप को सहायता प्रदान करना।

 

  • अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) के तहत लाभार्थियों को स्थापना और समर्थन की प्रक्रिया में 2,000 प्लस करोड़ रुपये का कुल बजट खर्च किया जाएगा।

 

  • एआईएम ने नवाचार और उद्यमिता के मामले में सहक्रियात्मक सहयोग विकसित करने के लिए विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ द्विपक्षीय संबंध बनाए हैं।

 

अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) के उद्देश्य :-

 

  • स्कूल, विश्वविद्यालय, अनुसंधान संस्थानों, सूक्ष्य, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और उद्योगों के स्तरों पर विभिन्न उपायों के माध्यम से देश भर में नवाचार और उद्यमिता का एक इकोसिस्टम बनाना और उसे बढ़ावा देना है।

 

  • एआईएम ने बुनियादी ढांचे के निर्माण और संस्थानों निर्माण, दोनों पर ध्यान केंद्रित किया है। एआईएम ने राष्ट्रीय और वैश्विक, दोनों स्तर पर नवाचार से जुड़े इकोसिस्टम को एकीकृत करने की दिशा में काम किया है।

 

  • 2015 में नीति आयोग के तहत अटल इनोवेशन मिशन की घोषणा की गई थी। इस मिशन का उद्देश्य पूरे देश में नवाचार और एक उद्यमशील पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना और बनाना था।

 

  • इस मिशन को विभिन्न विश्वविद्यालयों, स्कूलों, MSMEs, अनुसंधान संस्थानों और उद्योगों में प्रमुख हितधारकों तक पहुंचने और उन्हें इस मिशन में शामिल करने के इरादे से शुरू किया गया था।

 

  • एआईएम ने भारत और सिंगापुर के बीच आयोजित एक इनोवेशन स्टार्टअप समिट, इन्स्प्रेन्योर, की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

  • एआईएम ने रक्षा नवाचार संगठन, जोकि रक्षा के क्षेत्र में नवाचार के साथ-साथ खरीद को बढ़ावा दे रहा है, की स्थापना के लिए रक्षा मंत्रालय के साथ भागीदारी की।

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