करेंट अफेयर्स 13 अप्रैल 2022

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13-Apr-2022 12+

करेंट अफेयर्स 13 अप्रैल 2022

1. मास्टर दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित होगें नरेंद्र मोदी

 

  • हाल ही में लता मंगेशकर के परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लता दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड से सम्मानित करने की घोषणा की गई है।

 

  • आगामी 24 अप्रैल को होने वाले मास्टर दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह पुरस्कार ग्रहण करेंगे।

 

  • मास्टर दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार समारोह मुंबई के षण्मुखानंद हॉल, सायन में  होगा।

 

  • इस कार्यक्रम की अध्यक्षता उषा मंगेशकर करेंगी एवं उन्हीं के द्वारा पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।

 

  • 24 अप्रैल के दिन लता मंगेशकर के पिता मास्टर दीनानाथ मंगेशकर की 80वीं पुण्यतिथि है, इस अवसर पर पुरस्कार समान समारोह का आयोजन किया जाएगा।

 

अन्य पुरस्कार विजेता:

पुरस्कार का नाम

सम्मान पाने वाले व्यक्ति का नाम

मास्टर दीनानाथ पुरस्कार

(विशेष सम्मान)

आशा पारेख और जैकी श्रॉफ

भारतीय संगीत के लिए मास्टर दीनानाथ पुरस्कार

राहुल देशपांडे

सर्वश्रेष्ठ नाटक पुरस्कार

"संजय छाया"

मास्टर दीनानाथ पुरस्कार (आनंदमयी पुरस्कार)

मुंबई डब्बावाला (नूतन मुंबई टिफिन बॉक्स सप्लायर्स चैरिटी ट्रस्ट)

 

  • मास्टर दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार समारोह में गायक रूपकुमार राठौड़ के संगीत कार्यक्रम "स्वर लतांजलि" का भी आयोजन किया जाएगा।

 

मास्टर दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार के बारे में:

 

  • "इस वर्ष से लता मंगेशकर के सम्मान और स्मृति में पुरस्कार की स्थापना की गई है।

 

  • इस पुरस्कार समारोह का उद्देश्य संगीत, नाटक, कला, चिकित्सा और सामाजिक कार्य के क्षेत्र के दिग्गजों को सम्मानित करना है।

 

  • यह हर साल केवल एक व्यक्ति को दिया जाएगा जिसने राष्ट्र, उसके लोगों और समाज के लिए अनुकरणीय योगदान दिया है।

 

  • लता मंगेशकर का इस साल फरवरी में मल्टीपल ऑर्गन फेलियर के कारण 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।

 

2. भारत के प्रथम मेड इन इंडिया कमर्शियल एयरक्राफ्ट का संचालन शुरू

 

  • हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारत में बने पहले डोर्नियर एयरक्राफ्ट की उड़ान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह भारत का पहला मेड-इन-इंडिया कमर्शियल एयरक्राफ्ट है।

 

  • इस मेड-इन-इंडिया एयरक्राफ्ट का नाम डोर्नियर 228 रखा गया है इस के संचालन से  डिब्रूगढ़-पासीघाट-लीलाबारी को जोड़ा गया है, यह असम के डिब्रूगढ़ से अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट तक अपना परिचालन शुरू करेगा।

 

  • अलायंस एयर ने भारत में निर्मित डोर्नियर एयरक्राफ्ट के संचालन के लिए रक्षा मंत्रालय के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ एक समझौता किया।

 

  • इस विमान को हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट कहा गया है। यह पहल “आत्मनिर्भर भारत” विजन के तहत की गई है।

 

  • अलायंस एयर में भारत में निर्मित विमान उड़ाने वाली पहली व्यावसायिक विमानन कंपनी बन गई है। यह पहल पूर्वोत्तर राज्यों में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगी।

 

  • गौरतलब है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास का सामरिक महत्व है और यह क्षेत्र "उड़े देश का आम नागरिक यानी उड़ान" योजना में शामिल है।

 

  • भारत में निर्मित डीओ-228 की तैनाती चरणबद्ध तरीके से की जाएगी।

 

प्रथम चरण :-

  • दो हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट डिब्रूगढ़ में तैनात किए जाएंगे, जो तेजू, पासीघाट और जीरो को जोड़ेंगे।

 

द्वितीय चरण  :-

  • मेचुका, तूतिंग और विजॉय नगर को जोड़ने की योजना है। आगामी 15 दिनों में विमानन कंपनी तेजू को जोड़ देगी और उसके बाद 30 दिनों के भीतर जीरो के लिए हवाई सेवा शुरू कर दी जाएगी।

 

डोर्नियर 228 के बारे में:

 

  • यह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित एयरक्राफ्ट है।

 

  • इसका निर्माण भारतीय तटरक्षक बल, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के लिए किया गया है।

 

  • डोर्नियर 228 विमान 17 यात्रियों को ले जा सकता है।

 

  • वायुयान का उपयोग प्रदूषण नियंत्रण, हवाई सर्वेक्षण, सुदूर संवेदन आदि के लिए भी किया जा सकता है है।

 

 

3. 'हेलिना' एक टैंक-रोधी गाइडेड मिसाइल सफल परीक्षण

 

  • हाल ही में, भारत ने पोखरण में एक टैंक-रोधी गाइडेड मिसाइल (ATGM) 'हेलिना' का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।

 

  • यह उड़ान परीक्षण स्वदेश निर्मित अत्याधुनिक हल्के हेलीकाप्टर (Advanced Light Helicopter-ALH) से किया गया।

 

  • यह परीक्षण DRDO, आर्मी और वायु सेना की टीमों द्वारा किया गया।

 

  • यह परीक्षण तीसरी पीढ़ी की 'फायर एंड फॉरगेट' श्रेणी की मिसाइलों के इस्तेमाल के सत्यापन परीक्षणों का हिस्सा था।

 

  • 'हेलिना' मिसाइल सभी मौसम में दिन- रात के समय हमला करने में सक्षम है, तथा पारंपरिक कवच के साथ ही साथ विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच के साथ टैंकों को नष्ट कर सकती है।

 

हेलिना के बारे में: -

 

  • यह दुनिया के सबसे उन्नत एंटी टैंक हथियारों में से एक है।

 

  • इसे DRDO के मिसाइल और सामरिक प्रणाली (Missiles and Strategic Systems-MSS) क्लस्टर के तहत विकसित किया गया है।

 

  • यह एक इन्फ्रारेड इमेजिंग सीकर (IIR) द्वारा निर्देशित है, जो 'lock on before launch' मोड में काम करता है। इसकी अधिकतम सीमा 7 किलोमीटर है।

 

  • यह डायरेक्ट हिट मोड के साथ-साथ टॉप अटैक मोड में भी लक्ष्य को निशाना बनाने में सक्षम है।

 

  • 2018 से मिसाइल के सफल परीक्षण किये जा चुके हैं।

 

  • 'हेलिना' के वायु सेना संस्करण को 'ध्रुवास्त्र' (Dhruvastra) भी कहा जाता है।

 

  • DRDO द्वारा डिज़ाइन और विकसित टैंक-रोधी मिसाइल प्रौद्योगिकियों की श्रृंखला में नाग, लेज़र गाइडेड ATGM इत्यादि शामिल हैं।

 

4. e-BCAS प्रोजेक्ट

 

  • हाल ही में नागर विमानन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) से संबंधित संसदीय सलाहकार समिति की बैठक संपन्न हुई।

 

  • इस बैठक में चर्चा का विषय e-BCAS प्रोजेक्ट था, BCAS का पूर्ण रूप ‘नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (Bureau of Civil Aviation Security) है।

 

  • यह राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा कार्यक्रम की स्थापना, विकास, कार्यान्वयन, रख-रखाव और समीक्षा करता है।

 

  • e-BCAS आंतरिक प्रक्रियाओं के स्वचालन के लिए -गवर्नेस के तहत शुरू की गई एक पहल है।

 

  • इसका मक़सद भारत सरकार की -गवर्नेस पहल के तहत कागज रहित कार्य सुविधा प्राप्त करना है।

 

  • यह कार्यालय प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण कर विभिन्न प्रभागों में तकनीकी एकीकरण द्वारा उनके जल्द अनुमोदन की सुविधा देगा।

 

इसमें निम्न मॉड्यूल शामिल हैं:

 

  • -सहज: इसके तहत सुरक्षा मंजूरी जारी करने की सुविधा दी जाएगी।

 

  • -प्रशिक्षण: इसके अंतर्गत विमानन सुरक्षा प्रशिक्षण और प्रमाणन के लिए 16 प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है।

 

  • -सुरक्षा: यह सुरक्षा कार्यक्रम की स्वीकृति के लिए एक सिंगल विंडो सुविधा है।

 

  • -गुणवत्ता नियंत्रण: इसके ज़रिये सुरक्षा ऑडिट और हवाई अड्डों के सुरक्षा निरीक्षण किया जाएगा।

 

  • Centralized Access Control System (CACS) बायो-मीट्रिक हवाईअड्डा प्रवेश परमिट और वाहन प्रवेश परमिट के लिए ऑनलाइन प्रणाली से संबंधित है।

 

  • इनमें से 3 मॉड्यूल (-सहज, CACS और -प्रशिक्षण) पूरे हो चुके हैं और लॉन्च किए जा चुके हैं।

 

  • वहीं ई-सुरक्षा मॉड्यूल जून 2022 तक और -गुणवत्ता नियंत्रण कार्यक्रम इस साल अगस्त तक पूरा होने की संभावना है।

 

नागर विमानन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) के बारे में :-

 

  • नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो का उद्भव वर्ष 1978 में नागर विमानन महानिदेशालय में  के रूप में हुआ। 1 अप्रैल 1987 को एक स्वायत विभाग बना।

 

  • नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो   अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन के संगत मानकों तथा कार्यप्रणालियों तथा भारत के राष्‍ट्रीय नागर विमानन सुरक्षा मानकों के अनुरूप नागर विमानन सुरक्षा प्रोटोकॉल  की निगरानी करता है।

 

  • भारतीय नागर विमानन उद्योग ने वर्ष 2014-15 में 61 मिलियन यात्री यातायात से वर्ष 2018-19 में 123 मिलियन यात्रियों की एक अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी के साथ-साथ विमानपत्तनों, विमानों तथा उड़ान मार्गों की संख्या में समान बढ़ोतरी देखी है।

 

5. नेशनल टाइम रिलीज़ स्टडी (NTRS) 2022

 

  • हाल ही में नेशनल टाइम रिलीज़ स्टडी (NTRS) 2022 जारी की गई, यह केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के नेतृत्व में की गई एक पहल है।

 

  • टाइम रिलीज़ स्टडी (TRS), विश्व सीमा शुल्क संगठन (World Customs Organization) द्वारा समर्थित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त एक उपकरण है।

 

  • इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रवाह की दक्षता और प्रभावशीलता का मापन करना है।

 

  • NTRS के परिणामों के आधार पर, सीमा पार व्यापार से जुड़ी सरकारी एजेंसियाँ कार्गो रिलीज़ में लगने वाले समय को कम करने के लिए उपचारात्मक कार्रवाई करने में सक्षम होती हैं।

 

NTRS 2022 में चार बंदरगाह श्रेणियों सहित 15 प्रमुख सीमा शुल्क संरचनाओं को शामिल किया गया है:

  • बंदरगाह (Seaports)

 

  • एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स (ACCs)

 

  • अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (ICDs)

 

  • एकीकृत चेक पोस्ट (ICPs)

 

  • ये पोर्ट लगभग 80% बिल ऑफ एंट्री (आयात दस्तावेज़) और 70% शिपिंग बिल (निर्यात दस्तावेज़) की देख-रेख करते हैं।

 

  • 2021 की तुलना में 2022 में औसत आयात रिलीज़ समय में सुधार हुआ, जिनमें: OACCS: 16%, बंदरगाह और ICDs: 12%, OICPs: 2%

 

  • आईसीपी ने राष्ट्रीय व्यापार सुविधा कार्य योजना (NTFAP) का रिलीज़ टाइम लक्ष्य हासिल कर लिया है।

 

  • ACCs, बंदरगाह और ICD एनटीएफएपी लक्ष्य के 75% तक पहुँच गए हैं, इसके अलावा थल सीमा पर एकीकृत जाँच चौकियों पर औसत निर्यात रिलीज़ समय में सुधार हुआ है।

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