करेंट अफेयर्स 14 अप्रैल 2022

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14-Apr-2022 12+

करेंट अफेयर्स 14 अप्रैल 2022

1. संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष नियुक्त किये गए मनोज सोनी

 

  • हाल ही में मनोज सोनी को संघ लोक सेवा आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। डॉ. मनोज सोनी वर्तमान में संघ लोक सेवा अयोग के सदस्य हैं।

 

  • डॉ. सोनी तीन कार्यकाल तक कुलपति रहे। इसमें डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में लगातार दो कार्यकाल और महाराजा सायाजीराव विश्वविद्यालय, बड़ौदा के कुलपति के रूप में एक कार्यकाल शामिल है।

 

  • महाराजा सायाजीराव विश्वविद्यालय बड़ौदा में पदभार ग्रहण करते समय डॉ. सोनी महाराजा सायाजीराव विश्वविद्यालय और भारत के अभी तक के सबसे युवा कुलपति थे।

 

  • अन्तरराष्ट्रीय संबंधों के अध्ययन में विशेषज्ञता के साथ राजनीति विज्ञान के एक स्कोलर भी है।

 

  • डॉ. सोनी ने “पोस्ट-कोल्ड वार इन्टरनेशनल सिस्टेमिक ट्रांजिसन और इण्डो-यू.एस. रिलेशन्स" में डाक्ट्रेरेट प्राप्त की। यह 1992 और 1995 के दौरान सबसे पहला और अपनी तरह का विशेष अध्ययन था।

 

  • 1998 में यू.के. में स्थापित अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रकाशक अश्गेट पब्लिशिंग लि. के द्वारा “अंडरस्टैंडिंग द ग्लोबल पॉलीटिकल अर्थक्वेक” नामक के शीर्षक से एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित हुआ।

 

संघ लोक सेवा आयोग के बारे में :-

 

  • संघ लोक सेवा आयोग एक संवैधानिक निकाय है, जो भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय विदेश एवं और भारतीय पुलिस सेवा और अन्य विभिन्न सेवाओं के लिए प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है।

 

  • संघ लोक सेवा आयोग की स्थापना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 के तहत की गयी है। 

 

  • इसमें एक अध्यक्ष और दस अन्य सदस्य शामिल होते हैं, जिनकी नियुक्ति और पदच्युति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

 

  • आयोग के अध्यक्ष और सदस्य छह साल की अवधि तक अथवा 65 साल की उम्र पूरी होने तक अपने पद के कर्तव्यों का पालन करते है।

 

  • संविधान का अनुच्छेद 316 सदस्यों की नियुक्ति और उनके कार्यालय की अवधि से संबंधित है।

 

2. 'जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड' की 103वीं बरसी

 

  • भारतीय इतिहास में 13 अप्रैल का दिन एक बेहद दुखद घटना 'जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड' के साथ दर्ज है इस वर्ष (2022) इस घटना की 103वीं बरसी थी।

 

  • यह घटना उस नरसंहार को बताती है जो 13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर के जलियाँवाला बाग में घटित हुई थी।

 

  • एक सदी से भी पहले हुई इस त्रासदी ने देश और दुनिया को हिला कर रख दिया था इस घटना को अमृतसर नरसंहार भी कहा जाता है।

 

जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड : -

 

  • यह बैसाखी का अवसर था जब बड़ी संख्या में पुरुष, महिलाएँ और बच्चे इस बाग़ में उत्सव मनाने के लिए जमा हुए थे।

 

  • यहाँ दो नेताओं डॉ. सत्यपाल और डॉ. सैफुद्दीन किचलू की गिरफ्तारी का शांतिपूर्ण विरोध किया जा रहा था।

 

  • लेकिन उस समय ब्रिटिश हुकूमत द्वारा सार्वजनिक रूप से इकट्ठा होने व सभाओं आदि पर प्रतिबंध लगा था, जिसकी जानकारी लोगों को नहीं थी।

 

  • ऐसे में वहाँ इकट्ठा लोगों को दंडित करने के लिए ब्रिगेडियर-जनरल डायर ने अपने सैनिकों के साथ वहाँ पहुँच कर बिना किसी चेतावनी के हज़ारों निहत्थे भारतीयों पर गोलियाँ चलाने का आदेश दिया।

 

  • गोली चलाने से पहले उन्होंने मुख्य द्वार को भी बंद कर दिया जिससे कोई बचकर निकल न सके लोगों ने स्वयं को बचाने के लिये वहाँ मौजूद कुएँ में छलाँग लगा दी।

 

  • जनरल डायर के इस कृत्य की ब्रिटेन में कुछ लोगों द्वारा सराहना की गई, तो कुछ ने आलोचना भी की हालाँकि, सज़ा के रूप में डायर को केवल उसके पद से हटा दिया गया।

 

  • इस भीषण घटना में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए, 'जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड' के बाद जनरल डायर की पदोन्नति रोक दी गई, इसके अलावा उसे भारत में आगे पोस्टिंग से भी रोक दिया गया।

 

  • इस घटना के विरोध में रवींद्रनाथ टैगोर ने अपनी नाइटहुड की उपाधि को त्याग दी थी महात्मा गांधी ने कैसर-ए-हिंद की उपाधि वापस कर दी थी।

 

  • इस घटना की जाँच के लिए हंटर कमीशन (Hunter Commission) का गठन किया गया था।

 

  • कई वर्षों के बाद, कुछ समय पहले भूतपूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने इस घटना को ब्रिटिश भारतीय इतिहास पर एक 'शर्मनाक धब्बा' बताते हुए इस घटना पर 'खेद' व्यक्त किया।

 

  • इसके अलावा नरसंहार के 100 से ज़्यादा वर्षों के बाद 2019 में, भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त डॉमिनिक एस्क्विथ ने जलियाँवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक का दौरा किया और शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

 

3. नई दिल्ली में दो दिवसीय सहकारिता नीति राष्ट्रीय सम्मेलन सम्पन्न

 

  • सहकारिता क्षेत्र को उचित गति प्रदान करने तथा सहकार से समृद्धि की प्राप्ति के उद्देश्य से नए सहकारिता मंत्रालय का गठन दिनांक 6 जुलाई 2021 को किया।

 

  • गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय सतत उद्यमशीलता के साथ प्रगति करते हुए नई सहकारिता नीति तथा योजनाओं के सृजन पर कार्य कर रहा है।

 

  • 12-13 अप्रैल,2022 को नई दिल्ली में सहकारिता नीति पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया| सम्मेलन का उद्घाटन गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किया।

 

इस सम्मेलन को छह महत्वपूर्ण विषयों में संरचित किया गया :-

 

(i) वर्तमान कानूनी ढांचा, नियामक नीति की पहचान, संचालन संबंधी बाधाएं और उन्हें दूर करने के लिए आवश्यक उपाय जिससे व्यापार करने में आसानी हो।

 

(ii) सहकारी सिद्धांतों, लोकतांत्रिक सदस्य नियंत्रण, सदस्यों की बढ़ती भागीदारी, पारदर्शिता, नियमित चुनाव, मानव संसाधन नीति।

 

(iii) बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, इक्विटी आधार को मजबूत करने, पूंजी तक पहुंच, गतिविधियों का विविधीकरण।

 

(iv) प्रशिक्षण, शिक्षा, ज्ञान साझा करना और जागरूकता निर्माण जिसमें सहकारी समितियों को मुख्यधारा में लाना और कमजोर वर्गों को शामिल करना शामिल है।

 

(v) नई सहकारी समितियों को बढ़ावा देना, निष्क्रिय लोगों को पुनर्जीवित करना, सहकारी समितियों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना, सदस्यता बढ़ाना

 

(vi) सामाजिक सहकारिता को बढ़ावा देना और सामाजिक सुरक्षा में सहकारी समितियों की भूमिका।

 

4. भारत को ECOSOC के चार प्रमुख निकायों के लिए चुना

 

  • हाल ही में, भारत को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) के चार प्रमुख निकायों के लिए चुना गया। इसमें विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी आयोग भी शामिल है।

 

  • आर्थिक और सामाजिक परिषद 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा स्थापित संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के छह प्रमुख अंगों में से एक है। इसमें महासभा द्वारा चुने गए संयुक्त राष्ट्र के 54 सदस्य शामिल हैं।

 

इन निकायों में शामिल हैं

 

(i) सामाजिक विकास आयोग (Commission for Social Development)

 

(ii) गैर-सरकारी संगठनों की समिति (Committee on NGOs)

 

(iii) विकास के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आयोग (Commission on Science & Technology for Development)

 

(iv) आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों की समिति (Committee for Economic, Social, and Cultural Rights)

 

  • इन निकायों में भारत का कार्यकाल 4 साल (2023 से 2027) तक होगा।

 

  • संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली राजदूत प्रीति सरन के साथ भारत को आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों की समिति (CESCR) के लिए फिर से चुना गया।

 

  • इससे पहले वरिष्ठ भारतीय राजनयिक सरन 2018 में CESCR में एशिया प्रशांत सीट के लिए 4 वर्षीय कार्यकाल हेतु चुनी गई थीं।

 

  • इनका पहला कार्यकाल 1 जनवरी, 2019 को शुरू हुआ था। पिछले साल भारत को तीन ECOSOC निकायों के लिए चुना गया था।

 

  • जिनमें अपराध निवारण और आपराधिक न्याय आयोग, संयुक्त राष्ट्र महिला के कार्यकारी बोर्ड और विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी बोर्ड शामिल हैं।

 

ECOSOC के बारे में :-

 

  • यह 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा स्थापित संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के 6 प्रमुख अंगों में से एक है।

 

  • इसमें महासभा द्वारा चुने गए संयुक्त राष्ट्र के 54 सदस्य शामिल होते हैं।

 

  • यह UN की 14 विशेष एजेंसियों, कार्यात्मक आयोगों और पाँच क्षेत्रीय आयोगों के आर्थिक, सामाजिक और संबंधित कार्यों का समन्वय करता है।

 

  • यह अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक केंद्रीय मंच के रूप में काम करता है।

 

  • यह संयुक्त राष्ट्र प्रणालीसदस्य देशों को नीतिगत सिफारिशें जारी करता है।

 

5. '2021 ट्री सिटी ऑफ वर्ल्ड' घोषित

 

  • हाल ही में ट्री सिटी ऑफ द वर्ल्ड लिस्ट का तीसरा संस्करण जारी किया गया है।

 

  • मुंबई और हैदराबाद को '2021 ट्री सिटी ऑफ द वर्ल्ड' के रूप में मान्यता दी गई है।

 

  • इन शहरों को खाद्य और कृषि संगठन (FAO) और आर्बर डे फाउंडेशन द्वार मान्यता दी गई है।

 

  • सूची में हैदराबाद और मुंबई के अलावा 21 देशों के 136 अन्य शहरों को शामिल किया गया है।

 

  • मुंबई को "स्वस्थ, लचीला और खुशहाल शहर के निर्माण में शहरी पेड़ों और हरियाली को उगाने और बनाए रखने की प्रतिबद्धता" के लिए यह मान्यता दी गई है। हैदराबाद को लगातार दूसरे वर्ष मान्यता मिली है।

 

  • 2021 में, हैदराबाद भारत का एकमात्र शहर था जिसे '2020 ट्री सिटी ऑफ़ द वर्ल्ड' के रूप में मान्यता दी गई थी।

 

  • गौरतलब है कि ट्री सिटीज ऑफ द वर्ल्ड कार्यक्रम के माध्यम से मान्यता मिलना।

 

  • शहर के लिए ग्रीन विज़न प्राप्त करने की दिशा में पहला कदम है।

 

  • गौरतलब है कि ही विनीज ऑफ द वकळ कार्यक्रम के माध्यम से मान्यता शहर के लिए ग्रीन विजन प्राप्त करने की दिशा में पहला कदम है।

 

खाद्य और कृषि संगठन :-

 

  • FAO संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है।

 

  • इसकी स्थापना 16 अक्टूबर 1945 को हुई थी।

 

  • इसका मुख्यालय रोम, इटली में है।

 

  • इसका उद्देश्य सभी के लिए खाद्य सुरक्षा प्राप्त करना और यह सुनिश्चित करना है कि लोगों को पर्याप्त उच्च गुणवत्ता वाले भोजन की नियमित पहुँच हो।

 

  • 195 सदस्यों के साथ, FAO दुनियाभर के 130 से अधिक देशों में काम करता है।

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