करेंट अफेयर्स 20 अप्रैल 2022

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20-Apr-2022 12+

करेंट अफेयर्स 20 अप्रैल 2022

1. सेमीकॉन इंडिया 2022 कॉन्फ्रेंस

 

•      इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय (Meity) के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी 29 अप्रैल को बेंगलुरु में पहले सेमीकॉन इंडिया 2022 कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन करेंगे।

 

•      MeitY द्वारा सेमीकॉन इंडिया 2022 का आयोजन 29 अप्रैल से 01 मई, 2022 तक किया जाएगा।

 

•      इस कॉन्फ्रेंस की थीम है- डिज़ाइन एंड मैन्युफैक्चर इन इंडिया, फॉर द वर्ल्ड : मेकिंग इंडिया ए “सेमीकंडक्टर नेशन"

 

•      इसमें सेमीकंडक्टर डिज़ाइन में शामिल विशेषज्ञ, उद्यमी और शिक्षाविद आदि शमिल होंगे।

 

•      इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, सेमीकंडक्टर डिज़ाइन, विनिर्माण एवं नवाचार में अग्रणी बनाने के विज़न को आगे बढ़ाना है।

 

•      इसी कड़ी में इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के लोगो (logo) का अनावरण भी किया गया।

 

इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM)

 

•      इस मिशन को डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन के भीतर एक स्वतंत्र बिज़नेस डिवीज़न के रूप में स्थापित किया गया है।

 

•      इसे सेमीकंडक्टर के विकास व सेमीकंडक्टर सुविधाओं और सेमीकंडक्टर डिजाइन इकोसिस्टम के प्रदर्शन के लिए भारत की दीर्घकालिक रणनीतियाँ बनाने और उन्हें आगे बढ़ाने की प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता है।

 

•      ISM सेमीकंडक्टर और डिसप्ले उद्योग में वैश्विक विशेषज्ञों द्वारा परिकल्पित योजनाओं के कुशल, सुसंगत और सहज कार्यान्वयन के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा।

 

2. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने लांच किए CROP PQMS पोर्टल

 

•      केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में  कृषि एवं किसान कल्याण  मंत्रालय से सम्बद्ध कामकाज को सरल तथा सुविधाजनक बनाने के लिए दो पोर्टल लांच किए।

 

पहला पोर्टल 

•      CROP (Comprehensive Registration of Pesticides- कीटनाशकों का व्यापक पंजीकरण) के नाम से है, जो फसल सुरक्षा सामग्री के पंजीकरण संबंधित प्रक्रिया को गति व पारदर्शिता प्रदान करता है।

 

दूसरा पोर्टल

•      PQMS (Plant Quarantine Management System- वनस्पति संगरोध प्रबंधन प्रणाली), जो कृषि उत्पादों के निर्यात व आयात संबंधी दस्तावेजों  को जारी करने में मुख्य भूमिका निभाता है।

 

•      नए पोर्टल में निर्यातकों द्वारा आवेदन से लेकर स्वछता प्रमाण-पत्र जारी करने तक की प्रक्रियाओं को बिना मानवीय हस्तक्षेप  के पूरा किया जा सकेगा, जो समयबद्धता, पारदर्शिता, सुगम कारोबार की सरल नीति की सरकारी कार्यनीति के अनुरूप है।

 

•      इस पोर्टल से फल-सब्‍जियां, अनाज आदि के उत्‍पादकों व संबंधित उद्योगों को अपने उत्पाद निर्यात करने में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा प्राप्त होगी।

 

•      इसके अलावा आयातित पौध सामग्री का पारदर्शिता और सुगमता से, समयबद्ध तरीके से निर्गत प्रमाण-पत्र जारी किया जा सकता है।

 

•      इसी प्रकार कीटनाशी अधिनियम से संबंधित पोर्टल में पुराने क्रॉप परिचालन की समस्‍याओं को देखते हुए संशोधन किए गए हैं।

 

3. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे नए थल सेनाध्यक्ष होंगे

 

•      वर्तमान में सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे को अगला सेनाध्यक्ष नियुक्त किया है।

 

•      इस पद पर उनकी नियुक्ति 30 अप्रैल, 2022  से प्रभावी होगी। 06 मई, 1962 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे को 24 दिसंबर, 1982 को भारतीय सेना की कोर ऑफ इंजीनियर्स (द बॉम्बे सैपर्स) में कमीशन दिया गया था।

 

•      39 वर्षों से अधिक समय की अपनी लंबी और विशिष्ट सेवा अवधि के दौरान मनोज सी पांडे ने विभिन्न कमानों, अधिकारी पदों और प्रशिक्षण सम्बन्धी नियुक्तियों पर काम किया है।

 

•      लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे ने अपनी कमान की नियुक्तियों के दौरान पश्चिमी युद्ध क्षेत्र में एक इंजीनियर ब्रिगेड की कमान संभाली है।

 

•      इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर एक पैदल ब्रिगेड के साथ उनकी सेवाएं भी शामिल हैं।

 

•      मनोज सी पांडे की अन्य महत्वपूर्ण कमांड नियुक्तियों में पश्चिमी लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्र में एक माउंटेन डिवीजन तथा एलएसी के साथ और पूर्वी कमान के काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन क्षेत्र में एक कोर की कमान संभाली।

 

•      लेफ्टिनेंट जनरल के रैंक पर मनोज सी पांडे अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ और कोलकाता में पूर्वी कमान के जीओसी-इन-सी के पद पर सेवारत रहे हैं और ये उनकी सेना के उप प्रमुख के रूप में कार्यरत होने से पहले की महत्वपूर्ण नियुक्तियां हैं।

 

•      लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र हैं और उन्होंने केम्बरली (यूके) के स्टाफ कॉलेज, महू के आर्मी वार कॉलेज और नई दिल्ली में राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की है।

 

•      लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है।

 

4. प्रसिद्ध वैज्ञानिक, चार्ल्स डार्विन की डेथ एनिवर्सरी है

 

•      19 अप्रैल को प्रसिद्ध वैज्ञानिक, चार्ल्स डार्विन की डेथ एनिवर्सरी थी, डार्विन एक प्रख्यात प्रकृतिविद, भूवैज्ञानिक और जीवविज्ञानी थे।

 

•      इनका जन्म 12 फरवरी, 1809 को इंग्लैंड के श्रूस्बरी में हुआ था।

 

•      विश्व इतिहास की सबसे प्रभावशाली शख्सियतों में से एक चार्ल्स डार्विन को विज्ञान और विकास के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए जाना जाता है।

 

डार्विन के बारे में –

•      डार्विन के पिता उन्हें मेडिकल की डिग्री दिलाना चाहते थे, लेकिन डार्विन को चिकित्सा की बजाय प्राकृतिक इतिहास में अधिक रुचि थी, वे परंपरागत पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं रखते थे।

 

•      1831 में डार्विन ने ब्रिटिश रॉयल नेवी, एचएमएस बीगल के एक जहाज़ पर एक प्रकृतिवादी के रूप में अपनी यात्रा शुरू की।

 

•      यात्रा के दौरान उन्होंने पौधों, जानवरों, चट्टानों और जीवाश्मों के नमूने एकत्र किया तथा ब्राज़ील, अर्जेंटीना, चिली और गैलापागोस जैसे दूरस्थ द्वीपों के क्षेत्रों की खोज की।

 

•      1859 में, डार्विन ने 'ऑन द ओरिजिन ऑफ़ स्पीशीज़' में विकास और प्राकृतिक चयन के बारे में अपने विचार प्रकाशित किए, इसमें उन्होंने बताया कि प्रजातियाँ समय के साथ बदलती हैं।

 

 

•      डार्विन की खोजों और सिद्धांतों ने बहुत सारी बातों को धर्म के दायरे से निकाल कर विज्ञान के क्षेत्र में ला दिया।

 

•      उनकी क्रांतिकारी थ्योरी ऑफ़ इवोल्यूशन और अन्य महत्त्वपूर्ण अध्ययनों ने आधुनिक जीव विज्ञान को आकार दिया।

 

•      73 वर्ष की आयु में 19 अप्रैल, 1882 को इंग्लैंड में डार्विन का निधन हो गया।

 

•      गौरतलब है कि डार्विन और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का जन्मदिवस एक ही दिन (12 फरवरी) आता है।

 

5. वार्षिक करगा मंदिर उत्सव संपन्न हुआ

 

•      हाल ही में वार्षिक करगा मंदिर उत्सव बेंगलुरु (कर्नाटक) में संपन्न हुआ।

 

•      यह उत्सव 300 से भी अधिक वर्षों से आयोजित किया जा रहा है।

 

•      यह कर्नाटक राज्य में मनाए जाने वाले सबसे पुराने त्यौहारों में से एक है।

 

•      यह उत्सव धर्मराय स्वामी मंदिर के भीतर आयोजित किया जाता है।

 

•      यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र महीने (मार्च/अप्रैल) में मनाया जाता है।

 

•      यह भव्य उत्सव पर्यटकों के लिये आकर्षण का केंद्र होता है।

 

•      करगा उत्सव की उत्पत्ति महाकाव्य महाभारत से मानी जाती है।

 

•      यह उत्सव द्रौपदी को देवी शक्ति और आदर्श नारीत्व के प्रतीक के रूप में सम्मानित करता है।

 

•      'करगा' मिट्टी के एक बर्तन, एक पुष्प पिरामिड और देवी की मूर्ति को चिन्हित करता है।

 

•      इसमें करगा को बिना छुए वाहक के सिर पर ले जाया जाता है।

 

•      वाहक अपने माथे पर सिंदूर लगा कर, चूड़ियों और मंगलसूत्र के साथ एक महिला की पोशाक पहनता है।

 

•      11 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में कर्नाटक की धार्मिक विरासत और समृद्ध संस्कृति को दर्शाया जाता है।

 

•      इस त्यौहार का मुख्य आकर्षण भव्य जुलूस है जो देवी शक्ति के सम्मान में आयोजित किया जाता है।

 

•      भक्तों द्वारा एक-दूसरे पर हल्दी का पानी छिड़कने के साथ उत्सव का समापन किया जाता है।

 

•      अगले दिन, करगा को खारे पानी के तालाब में विसर्जित कर दिया जाता है, जहाँ से इसे लाया गया था।

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