करेंट अफेयर्स 25 अप्रैल 2022

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25-Apr-2022 12+

करेंट अफेयर्स 25 अप्रैल 2022

1. विश्व मलेरिया दिवस' (World Malaria Day)

 

  • दुनियाभर में हर साल 25 अप्रैल को 'विश्व मलेरिया दिवस' (World Malaria Day) मनाया जाता है।

 

  • यह दिवस विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) द्वारा मनाया जाता है।

 

  • विश्व मलेरिया दिवस (2022)  की थीम 'Harness innovation to reduce the malaria disease burden and save lives' रखी गई है।

 

  • इस दिन को मनाने का मक़सद मलेरिया बुखार के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है।

 

विश्व मलेरिया दिवस के बारे में :-

 

  • यह दिवस पहली बार 2008 में मनाया गया था।

 

  • इसका विचार अफ्रीका मलेरिया दिवस से विकसित हुआ।

 

  • इसका उद्देश्य दुनियाभर के लोगों के स्वास्थ्य और आजीविका पर मलेरिया के विनाशकारी प्रभाव और उसके प्रति जागरूकता बढ़ाना है, क्योंकि इसके चलते हर साल बड़ी तादाद में लोगों की मौत हो जाती है।

 

मलेरिया के बारे में :-

 

  • यह प्लास्मोडियम परजीवी (Plasmodium Parasites) के कारण होने वाली एक जानलेवा बीमारी है।

 

  • यह संक्रमित मादा एनोफिलीज़ मच्छरों (Anopheles Mosquitoes) के काटने से होती है।

 

  • इसके लक्षणों में बुख़ार और फ्लू जैसे लक्षण शामिल होते हैं, जैसे- ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, मतली, उल्टी, थकान, पेट में दर्द, तेज़ी से सांस लेना, खांसी आदि।

 

  • इसके लक्षण आमतौर पर 10 से 15 दिनों में दिखने शुरू होते हैं।

 

  • इस रोग की रोकथाम एवं इलाज़ दोनों ही संभव है, लेकिन समय पर इलाज न किये जाने पर यह गंभीर और जानलेवा हो सकता है।

 

  • RTS,S/AS01 मलेरिया का टीका है, जिसे मॉसक्यूरिक्स (Mosquirix) के नाम से भी जाना जाता है।

 

  • WHO के अनुसार, 2020 में 85 देशों में मलेरिया के 241 मिलियन नए मामले और 6 लाख से ज़्यादा मौतें हुईं।

 

भारत में मलेरिया की स्थिति :

 

  • WHO की विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2020 के मुताबिक़, भारत में मलेरिया के क्षेत्रवार मामले 20 मिलियन से घटकर करीब 6 मिलियन रह गए हैं।

 

  • इसके अलावा भारत इस बीमारी से प्रभावित वह अकेला देश है जहाँ 2018 के मुकाबले 2019 में इस बीमारी के मामलों में 17.6% की कमी दर्ज की गई है।

 

  • गौरतलब है कि भारत ने वर्ष 2012 से एनुअल पेरासिटिक इंसीडेंस (एपीआई) को एक से भी कम पर बरकरार रखा है।

 

  • बता दें कि देश में मलेरिया उन्मूलन प्रयास 2015 में शुरू हुए थे।

 

  • इसके बाद 2016 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के नेशनल फ्रेमवर्क फॉर मलेरिया एलिमिनेशन (NFME) की शुरुआत की गई।

 

WHO द्वारा मलेरिया मुक्त घोषित कुछ प्रमुख देश :-

 

  • जो देशों कम-से-कम लगातार 3 वर्षों तक शून्य स्थानिक मामले की स्थिति हासिल कर लेते हैं, वे डब्ल्यूएचओ मलेरिया मुक्त प्रमाणीकरण के आवेदन के पात्र होते हैं।

 

  • चीन (2021)

 

  • अल्जीरिया और अर्जेंटीना (2019)

 

  • उज़्बेकिस्तान और पराग्वे (2018)

 

  • श्रीलंका और किर्गिस्तान (2016)

 

  • मालदीव (2015)

 

WHO का ग्लोबल मलेरिया प्रोग्राम (GMP) मलेरिया को नियंत्रित व खत्म करने के संगठन के वैश्विक प्रयासों के समन्वय हेतु ज़िम्मेदार है।

 

2. सुमन के. बेरी बनें नीति आयोग के उपाध्यक्ष

 

  • प्रख्यात अर्थशास्त्री सुमन के. बेरी को 'नीति आयोग' (NITI Aayog) का आगामी उपाध्यक्ष (vice-chairman) नियुक्त किया गया है।

 

  • दरअसल, निवर्तमान उपाध्यक्ष राजीव कुमार के इस्तीफा देने के बाद सुमन बेरी की नियुक्ति को मंजूरी दी गई है।

 

  • मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति द्वारा राजीव कुमार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है, लेकिन वे 30 अप्रैल, 2022 तक पद पर बने रहेंगे।

 

  • गौरतलब है कि राजीव कुमार ने अगस्त 2017 में तत्कालीन उपाध्यक्ष अरविंद पनगड़िया के स्थान पर पदभार संभाला था।

 

  • अब नए उपाध्यक्ष के रूप में सुमन बेरी 1 मई, 2022 से कार्यभार संभालेंगे।

 

सुमन बेरी के बारे में : -

 

  • सुमन बेरी अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र और मौद्रिक नीति के विशेषज्ञ हैं।

 

  • ये नई दिल्ली में सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च में सीनियर विज़िटिंग फैलो जबकि ब्रुसेल्स स्थित थिंक टैंक 'ब्रूगल' (Bruegel) में नॉन-रेज़िडेंट फैलो हैं।

 

  • ये 2001 और 2011 के बीच नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च के महानिदेशक भी रह चुके हैं।

 

  • इसके अलावा ये प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद, सांख्यिकीय आयोग और मौद्रिक नीति पर भारतीय रिज़र्व बैंक की तकनीकी सलाहकार समिति के सदस्य भी थे।

 

नीति आयोग :-

 

  • इसका पूरा नाम 'नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया' है।

 

  • इसे संक्षिप्त में 'नीति आयोग' (NITI Aayog) के नाम से भी जाना जाता है।

 

  • इसका गठन 1 जनवरी, 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक प्रस्ताव के माध्यम से किया गया था।

 

  • इसने पूर्ववर्ती योजना आयोग का स्थान लिया है।

 

  • यह भारत सरकार का प्रमुख नीतिगत थिंक टैंक है, जो दिशात्मक और नीतिगत इनपुट प्रदान करता है।

 

  • यह भारत सरकार के लिए रणनीतिक और दीर्घकालिक नीतियों व कार्यक्रमों को डिज़ाइन करने के अलावा, राज्यों और कें.शा.प्र. को प्रासंगिक तकनीकी सलाह भी प्रदान करता है।

 

3. DefConnect 2.0 कार्यक्रम का उद्घाटन

 

  • केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कल (22 अप्रैल, 2022) नई दिल्ली में DefConnect 2.0 कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

 

  • इसका आयोजन iDEX-DIO द्वारा किया गया।

 

  • यह कार्यक्रम रक्षा उत्पादन विभाग (Department of Defence Production-DDP) के तत्वावधान में आयोजित हो रहा है।

 

  • इसका उदेश्य , iDEX-DIO से जुड़े नवोन्मेषकों को अपनी क्षमताओं, उत्पादों और अत्याधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन करने का मौका देना है।

 

  • इसमें उद्योग के दिग्गजों के साथ विभिन्न सत्र आयोजित किये जाएंगे जिससे स्टार्ट-अप और विविध हितधारकों के साथ नियमित रूप से जुड़ने की रणनीति को नई दिशा दी जाएगी।

 

  • यह कार्यक्रम रक्षा क्षेत्र में भारत के अग्रणी उद्योगों से बड़ी संख्या में नए अन्वेषकर्ताओं और निवेशकों को आकर्षित करेगा।

 

  • इसमें उद्योग के दिग्गजों के साथ सत्र, विभिन्न घोषणाएं और आईडेक्स-डीआईओ की समर्थित स्टार्ट-अप्स की एक श्रृंखला समूह की स्थिर प्रदर्शनियां शामिल होंगी।

 

  • यह कार्यक्रम हमें एक उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाने वाले स्वदेशी नवाचारों का पता लगाने के लिए स्टार्ट-अप्स, उद्योग जगत और सैन्य प्रतिनिधियों को एक साथ लाएगा।

 

IDEX के बारे में :-

 

  • iDEX को 2018 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था।

 

  • यह अनिवार्य रूप से रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में विभिन्न हितधारकों को एक एकीकृत मंच प्रदान करता है।

 

  • यह इस विशिष्ट क्षेत्र में प्रौद्योगिकी विकास और संभावित सहयोग की देखरेख के लिए एक अंब्रेला संगठन की तरह काम करता है।

 

  • iDEX रक्षा नवाचार में नई क्षमताओं को विकसित करने में सहायक है।

 

  • यह योजना रक्षा नवाचार के प्रति लोगों की संवेदनशीलता के मामले में नए उद्यमियों की समझ को और भी बेहतर बना रही है।

 

  • गौरतलब है कि iDEX सेना को अपने प्रमुख कार्यक्रमों जैसे- डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज (DISC) और ओपन चैलेंज (OC) के जरिए जटिल चुनौतियों का समाधान खोजने में सक्षम बनाता है।

 

  • आईडेक्स विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान प्रतिभा के आधार का उपयोग करने में सक्षम है।

 

4. भारत का पहला शुद्ध हरित हाइड्रोजन संयंत्र

 

  • हाल ही में भारत के पहले शुद्ध हरित हाइड्रोजन संयंत्र का जोरहाट में शुभारंभ किया गया।

 

  • ओआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुशील चंद्र मिश्रा की उपस्थिति में इस संयंत्र का उद्घाटन किया गया।

 

  • यह संयंत्र मौजूदा 500 किलोवॉट सौर संयंत्र द्वारा 100 किलोवॉट आयन एक्सचेंज मेम्ब्रेन (एईएम) इलेक्ट्रोलाइजर सरणी का उपयोग करके उत्पन्न बिजली से ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करता है।

 

  • इसके साथ ही भारत ने हरित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम उठा लिया है। इस संयंत्र को रिकॉर्ड 3 महीने के समय में चालू किया गया है।

 

  • ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) ने आज असम में अपने जोरहाट पंप स्टेशन पर 10 किलोग्राम प्रति दिन की स्थापित क्षमता के साथ भारत के पहले 99.999% शुद्ध ग्रीन हाइड्रोजन पायलट प्लांट की शुरुआत की।

 

  • भारत में पहली बार एईएम तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।

 

  • इस संयंत्र से भविष्य में ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन 10 किलो प्रतिदिन से बढ़ाकर 30 किलो प्रतिदिन होने की उम्मीद है।

 

  • कंपनी ने प्राकृतिक गैस के साथ ग्रीन हाइड्रोजन के सम्मिश्रण और ओआईएल के मौजूदा बुनियादी ढांचे पर इसके प्रभाव पर आईआईटी गुवाहाटी के सहयोग से एक विस्तृत अध्ययन शुरू किया है।

 

  • कंपनी मिश्रित ईंधन के वाणिज्यिक अनुप्रयोगों के लिए उपयोग के मामलों का अध्ययन करने की भी योजना बना रही है।

 

ग्रीन हाइड्रोजन : -

 

  • ग्रीन हाइड्रोजन हवा या सौर ऊर्जा जैसी अक्षय ऊर्जा का उपयोग करके उत्पादित हाइड्रोजन गैस को कहते हैं।

 

  • इसमें ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन नहीं होता।

 

  • इसके अलावा यह जलने पर कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन नहीं करती है।

 

  • इसका इस्तेमाल परिवहन, बिजली उत्पादन और औद्योगिक गतिविधियों में ईंधन के रूप में किया जा सकता है।

 

  • यह जीवाश्म ईंधन का एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

 

 

5. राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस

 

  • हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (24 अप्रैल) के समारोह में भाग लेने के लिए जम्मू-कश्मीर का दौरा किया और देश भर की सभी ग्राम सभाओं को संबोधित किया। उन्होंने सांबा जिले के पल्ली पंचायत का दौरा किया।

 

  • पंचायतें भारतीय लोकतंत्र का आधारस्तंभ हैं, जिनकी मजबूती में ही नए भारत की समृद्धि निहित है।

 

  • पंचायती राज व्यवस्था का जनक लॉर्ड रिपन को माना जाता है। रिपन ने 1882 में स्थानीय संस्थाओं को उनका लोकतांत्रिक ढांचा प्रदान किया था।

 

  • बलवंत राय मेहता समिति के सुझावों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सबसे पहले 2 अक्टूबर 1959 को राजस्थान के नागौर ज़िले में पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया था।

 

पंचायती राज दिवस के बारे में :-

 

  • पंचायती राज मंत्रालय प्रतिवर्ष  24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाता है।

 

  • प्रथम बार पंचायती राज दिवस 24 अप्रैल, 2010 को मनाया गया था।

 

  • 24 अप्रैल का दिन 1992 में संविधान के 73 वें संशोधन के अधिनियमन का प्रतीक है।

 

  • इस ऐतिहासिक संशोधन के जरिए जमीनी स्तर की शक्तियों का विकेंद्रीकरण किया गया और पंचायती राज नाम की एक संस्था की बुनियाद रखी गई।

 

  • 73वें संशोधन के तहत संविधान में भाग-9 जोड़ा गया था। जिसके अंतर्गत पंचायती राज से संबंधित उपबंधों की बात की गई है।

 

  • साल 2010 से 24 अप्रैल को हर साल ये दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन बेहतर प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को पुरस्कृत करने का भी प्रावधान किया गया है।

 

पंचायती राज दिवस थीम और पुरस्कार

 

  • भारत में इस बार 12वां पंचायती राज दिवस मना रहा है. इस साल समारोह बिना किसी विशेष थीम या विषय के आयोजित किया जा रहा है।

 

  • इस साल मुख्य आकर्षण पुरस्कार समारोह हुआ जो देश में पंचायतों के बेहतर कामों को एक तरह से मान्यता देता है।

 

ये पुरस्कार पांच श्रेणियों में दिए जाएंगे

 

 1. दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार

 

 2.नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम पुरस्कार

 

 3. -पंचायत पुरस्कार

 

 4. ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार

 

 5. बाल हितैषी पंचायत अवॉर्ड

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