ना चाहते हुए भी सर्जियो मातारेला इटली के दोबारा राष्ट्रपति चुने गए
ना चाहते हुए भी सर्जियो मातारेला इटली के दोबारा राष्ट्रपति चुने गए
सर्जियो मातारेला पहली बार 2015 में राष्ट्रपति बने थे. अब उन्हें दोबारा 7 साल के कार्यकाल के लिए चुन लिया गया है. मातारेला को चुने जाने से पहले राष्ट्रपति पद के लिए सात बार मतदान हुआ, लेकिन किसी नाम पर सहमति नहीं बन पाई.
इटली के राष्ट्रपति सर्जियो मातारेला को दोबारा राष्ट्रपति चुन लिया गया है. कुल 1,009 मतों में से उन्हें 759 मत मिले. 80 साल के मातारेला दोबारा राष्ट्रपति बनने के इच्छुक नहीं थे और कई मौकों पर फिर से चुनाव ना लड़ने की बात कह चुके थे. हालांकि जब इटली की पार्टियों के बीच किसी एक नाम को लेकर सहमति नहीं बनी तो सर्जियो ने राष्ट्रपति बनने पर सहमति दे दी. 2015 में बतौर राष्ट्रपति अपना पहला कार्यकाल शुरू करने वाले मातारेला ने कहा, "मेरी कुछ अलग योजनाएं थीं, लेकिन अगर मेरी जरूरत है तो मैं उपलब्ध हूं." इटली में राष्ट्रपति का कार्यकाल 7 साल का होता है. ऐसी कहा जा रहा है कि मातारेला अपना दूसरा कार्यकाल पूरा नहीं करेंगे. फिर भी उम्मीद है कि वो 2023 में होने वाले संसदीय चुनावों तक रुकेंगे. फिलहाल उनके राष्ट्रपति बनने से कई हफ्तों तक खिंचा संवैधानिक संकट टल गया है.
मुश्किल वक्त में बने राष्ट्रपति
मातारेला से पहले प्रधानमंत्री मारियो द्राघी को राष्ट्रपति बनाने पर विचार किया जा रहा था. कई नेताओं को डर था कि द्राघी का सक्रिय राजनीति से हट जाना कोरोना से आर्थिक नुकसान झेल रहे इटली को अस्थिर कर सकता है. द्राघी प्रधानमंत्री बनने से पहले यूरोप के केंद्रीय बैंक के प्रमुख थे. करीब 1 साल पहले छह पार्टियों के एक बड़े गठबंधन ने उन्हें प्रधानमंत्री चुना था. कर्ज में डूबे इटली को यूरोपीय संघ की ओर से करीब 200 अरब यूरो की आर्थिक मदद मिली थी, जिसके सही इस्तेमाल के लिए इटली में द्राघी को सबसे काबिल शख्स माना गया था. उनके राष्ट्रपति बनने की सूरत में सरकार नेतृत्व विहीन हो सकती थी. भारत की तरह ही इटली में भी राष्ट्रपति की भूमिका आमतौर पर रस्मी ही होती है. हालांकि, राष्ट्रपति के पास संसद भंग करने, नया प्रधानमंत्री चुनने और पार्टियों के कमजोर गठबंधनों को सरकार बनाने की अनुमति ना देने जैसी कई बड़ी शक्तियां होती हैं.
राष्ट्रपति सर्जियो मातारेला के साथ प्रधानमंत्री मारियो द्राघी. द्राघी मातारेला के सात साल के कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री पद संभालने वाले चौथे शख्स हैं.
नया राष्ट्रपति चुनने के लिए आठ बार मतदान हुआ
इटली में राष्ट्रपति चुनने के लिए आठ बार मतदान करना पड़ा. छह दिन तक चली इस प्रक्रिया में मातारेला से पहले किसी नाम पर सहमति नहीं बन पाई. मातारेला के नाम पर दक्षिणपंथी और वामपंथियों समेत ज्यादातर पार्टियां राजी थीं. आठवीं बार हुए मतदान में धुर दक्षिणपंथी- लीग पार्टी के प्रमुख मातेयो सालविनी ने मातारेला के नाम का प्रस्ताव बढ़ाया. पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बैर्लुस्कोनी की फोर्जा और वामपंथी झुकाव वाली डेमोक्रेटिक पार्टी ने प्रस्ताव का समर्थन किया. प्रधानमंत्री द्राघी ने चुनाव के बाद "संसद की तीव्र इच्छा का सम्मान करते हुए राष्ट्रपति पद संभालने" के लिए मातारेला का शुक्रिया अदा किया है.
अरबपति व्यवसायी और इटली के पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बैर्लुस्कोनी खुद राष्ट्रपति बनना चाहते थे. लेकिन खुद को समर्थन ना मिलता देख, उन्होंने मातारेला का समर्थन किया.
चुनाव के बाद राष्ट्रपति मातारेला ने एक टीवी संदेश में कहा कि "मैं अपनी निजी इच्छाओं को देश के प्रति मेरी जिम्मेदारियों से ऊपर नहीं रख सकता. खासतौर पर जब इटली स्वास्थ्य, आर्थिक और सामाजिक स्तर पर जूझ रहा हो."
जनवरी 2022 में ही जर्मनी के दोबारा राष्ट्रपति बने फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर ने मातारेला को बधाई देते हुए ऐसा 'रोल मॉडल' बताया है "जो यूरोप की अहमियत को समझता है." उम्मीद है कि मातारेला बुधवार या गुरुवार तक अपना पदभार संभाल लेंगे.












