राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा विधेयक 2022 नकल पर नकेल - 10 साल की सजा और 10 करोड़ जुर्माना
राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा विधेयक 2022 नकल पर नकेल - 10 साल की सजा और 10 करोड़ जुर्माना
राजस्थान विधानसभा में पारित किया गया- राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा विधेयक 2022
राजस्थान में किसी भी सार्वजनिक प्रवेश परीक्षा अथवा भर्ती परीक्षा में नकल, पेपर लीक अथवा अनुचित साधनों के उपयोग से गड़बड़ी करने और इसके लिए गिरोह का संचालन करने वालों के खिलाफ अब कड़ी कार्यवाही होगी।
राज्य सरकार ने प्रदेश के मेहनती एवं ईमानदार युवाओं के हितों की रक्षा के लिए अपना संकल्प दोहराते हुए गुरुवार को विधान सभा में एक विधेयक पारित करवाया है।
हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजकीय अथवा स्वायत्त शासी संस्थाओं, बोर्ड आदि की नौकरियों में भर्ती के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में अनियमितताओं को रोकने के लिए सख्त सजा वाला कानून बनाने की घोषणा की थी।
राजस्थान विधानसभा ने गुरूवार को राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्युपाय) विधेयक, 2022 ध्वनिमत से पारित कर दिया।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राजेंद्र यादव ने विधेयक को सदन में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया। विधेयक पर सदन में चर्चा के बाद उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि परीक्षाओं में अनुचित साधनों की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री संवेदनशील हैं।
अब अनुचित साधनों का प्रयोग करने वाले परीक्षार्थियों के लिए दंडात्मक प्रावधान के अंतर्गत तीन साल तक का कारावास, न्यूनतम एक लाख रूपये का अर्थदंड एवं सार्वजनिक परीक्षा से दो वर्ष के लिए वंचित किया जायेगा।
परीक्षा एजेंसी के साथ मिलीभगत कर अनुचित साधनों का प्रयोग करने वाला परीक्षार्थी सहित किसी भी व्यक्ति को 5 से 10 वर्ष तक कारावास एवं 10 लाख से 10 करोड़ रूपये तक का अर्थदंड दिये जाने का प्रावधान किया गया है।
मैनेजमेंट या संस्था द्वारा अपराध करने पर उस संस्था को सदैव के लिए बैन एवं दोषी पाये जाने पर परीक्षा पर हुए खर्चे की भरपाई के लिए संस्था या प्रबंधन की सम्पत्ति को नीलाम किया जायेगा।
इस प्रकार के अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं नॉन कम्पाउंडेबल होंगे। अपराधों की ट्रायल के लिए सेशन कोर्ट का प्रावधान किया गया है। अनुसंधान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी या उससे ऊपर के अधिकारी द्वारा किया जायेगा।
इस विधेयक से सख्ती आयेगी, आगे और भी सुझाव आने पर धाराएं जोड़ सकते है। राज्य सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र के विकास के लिए रेग्युलेटरी ऑथोरिटी ला रहे है। इससे शिक्षा के सभी क्षेत्र एक अम्ब्रेला के नीचे आ जायेंगे।
राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा विधेयक-2022 पारित किया गया। इस कानून में निम्न महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं:
यदि कोई परीक्षार्थी नकल करता है या पेपर लीक गिरोह से पेपर खरीदने का दोषी पाया जाता है अथवा अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है, तो उसे 3 वर्ष तक की जेल या जुर्माने अथवा दोनों सजाओं से दण्डित किया जाएगा।
नकलची परीक्षार्थी पर न्यूनतम जुर्माना एक लाख रुपये होगा और जुर्माना नहीं चुकाने पर 9 माह का अतिरिक्त कारावास हो सकेगा।
यदि परीक्षार्थी नकल गिरोह का सदस्य है, तो उसकों गिरोह के सदस्यों के समान ही जेल और जुर्माने की सजा होगी।
किसी भी सार्वजनिक परीक्षाओं (स्कूल, कॉलेज में प्रवेश एवं भर्ती सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं) में नकल करते हुए पकड़े जाने पर अगले 2 वर्ष तक किसी सार्वजनिक परीक्षा में शामिल होने पर पाबंदी रहेगी।
सार्वजनिक परीक्षा संचालित करने के लिए नियोजित या प्राधिकृत व्यक्ति अथवा संस्था यदि अनुचित साधनों में लिप्त है या ऐसा प्रयास करता है, तो उसे कम से कम पांच वर्ष कारावास और अधिकतम 10 वर्ष के कारावास की सजा दी जाएगी।
इस अपराध के लिए जुर्माना राशि 10 लाख रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक होगी।
प्रवेश परीक्षा अथवा भर्ती परीक्षा में पुलिस अधीक्षक होंगे
सार्वजनिक परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल के मामलों की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अथवा वरिष्ठ स्तर के अधिकारी ही करेंगे। ऐसे अपराध गैर जमानती और संज्ञेय होंगे और आरोपियों की जमानत नहीं होगी।
प्रदेश में परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए 1992 का कानून पहले से बना हुआ है, लेकिन इसमें दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का कोई सख्त नियम नहीं है।
लेकिन राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा विधेयक 2022 पास होने के बाद अब ऐसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने इस नए बिल में अभी सरकारी भर्ती, बोर्ड सहित 10 तरह की परीक्षाओं को शामिल किया है।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी समसामयिकी मुद्दों के लिए जुड़े रहिए कोचिंगवाले एप से।