जानिए भारतीय इतिहास के प्रमुख युद्धों के बारे में
जानिए भारतीय इतिहास के प्रमुख युद्धों के बारे में
साथियों इतिहास में भारत की भूमि पर कई युद्ध लड़े गए। भारत पर मुगलों और अंग्रेजों ने कई सालों तक राज किया था भारतीय क्षेत्रों को अपने अधीन करने को लेकर कई युद्ध मुगलों व भारतीय रियासतों के बीच हुए। कुछ युद्ध आजादी के पश्चात् पड़ौसी देशों से भी हुए। इन युद्धों का इतिहास काफी पुराना है और प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से ये काफी अहम टॉपिक है परीक्षाओं में इनसे संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। आगामी परीक्षाओं में भारतीय इतिहास के प्रमुख युद्धों व राजस्थान के ऐतिहासिक युद्धों के बारे में प्रश्न पूछे जा सकते हैं। इसलिए इस लेख में हम आपको भारत एवं राजस्थान के ऐतिहासिक युद्धों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इस लेख को आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के साथी भी अवश्य शेयर करें-
- हाईडेस्पीज का युद्ध
- समय - 326 ई.पू.
- इसे 'झेलम का युद्ध' भी कहा जाता है क्योंकि यह झेलम नदी के तट पर लड़ा गया था।
- यह युद्ध सिकंदर महान और पंजाब के राजा पोरस के बीच लड़ा गया था। इसमें सिकंदर की विजय हुई थी।
- कलिंग की लड़ाई (Kalinga War)
- समय : 261 ई.पू.
- यह भारतीय इतिहास के सबसे भीषण युद्धों में से एक माना जाता है। इसमें सम्राट अशोक ने कलिंग पर चढ़ाई की थी।
- यह सम्राट अशोक द्वारा लड़ी गई पहली और आखिरी लड़ाई थी।
- यह युद्ध इतना भीषण था कि सम्राट अशोक ने युद्ध में हुए रक्तपात को देखकर कभी ना युद्ध करने की कसम खाई।
- सिंध की लड़ाई(Battle of Sindh)
- समय : 712 ई.
- यह युद्ध मोहम्मद कासिम और राजा दाहिर के बीच लड़ा गया था।
- इस युद्ध में मोहम्मद कासिम ने अरबों की सत्ता स्थापित की।
- तराईन का प्रथम युद्ध (Battles of Tarain)
- समय : 1191 ई.
- यह युद्ध तराइन के मैदान में लड़ा गया था। यह युद्ध हिंदू राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान और मुस्लिम आक्रमण कारी शहाबुद्दीन मुहम्मद गोरी के बीच हुआ था।
- इस युद्ध में मुहम्मद गोरी को करारी शिकस्त मिली थी और मुहम्मद गोरी खुद बुरी तरह घायल हो गया था।
- तराईन का द्वितीय युद्ध (2nd Battles of Tarain)
- समय : 1192 ई.
- तराइन के द्वितीय युद्ध को भारतीय इतिहास का विशेष मोड़ माना जाता है।
- यह युद्ध भी राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान और मुस्लिम आक्रमण कारी शहाबुद्दीन मुहम्मद गोरी के बीच हुआ था।
- इस युद्ध में अधिकांश राजपूत राजाओं ने पृथ्वीराज चौहान को समर्थन नहीं दिया था और परिणामस्वरूप पृथ्वीराज चौहान की इस युद्ध में पराजय हुई।
- चंदावर का युद्ध (Battle of Chandawar)
- समय : 1194 ई.
- चंदावर का युद्ध मुहम्मद गौरी और कन्नौज के राजा जयचंद के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में जयचंद की हार हो गई थी और जयचंद मारा गया था।
- पृथ्वीराज चौहान को हराने के पश्चात मुहम्मद गोरी ने जयचंद को हराया था। कहा जाता है जयचंद ने ही मुहम्मद गोरी को पृथ्वीराज पर चढ़ाई करने का निमंत्रण दिया था।
- पानीपत का प्रथम युद्ध (First Battle of Panipat )
- समय : 1526 ई.
- यह युद्ध दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी और मुगल शासक बाबर के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में इब्राहिम लोदी की सेना बुरी तरह परास्त हुई थी।
- यह उन पहली लड़ाईयों में एक था जिसमें तोपों, आग्नेय शस्त्रों और बारूद का प्रयोग किया गया था।
- खानवा का युद्ध (Battle of Khanwa)
- समय : 1527 ई.
- यह युद्ध आगरा से 35 किमी दूर खानवा गाँव में मुगल शासक बाबर एवं मेवाड़ के राणा सांगा के मध्य लड़ा गया।
- पानीपत के प्रथम युद्ध के बाद बाबर द्वारा लड़ा गया यह दूसरा बड़ा युद्ध था ।
- घाघरा का युद्ध (Battle of Ghagra)
- समय : 1529 ई.
- यह युद्ध मुगल शासक बाबर और अफ़गानो के बीच लड़ा गया। इसमें बाबर ने महमूद लोदी के नेतृत्व में लड़ रहे अफगानो को हरा दिया था।
- बाबर ने इस युद्ध में बंगाल एवं बिहार की संयुक्त सेनाओं को परास्त किया था।
- इस युद्ध की विशेषता यह थी कि यह जल एवं थल दोनों पर लड़ा गया था।
- चौसा का युद्ध (Battle of Chausal)
- समय : 1539 ई.
- यह युद्ध मुगल बादशाह बाबर के पुत्र मुगल सम्राट हुमायूं एवं शेर खां (शेरशाह) की सेनाओं के मध्य गंगा नदी के उत्तरी तट पर स्थित 'चौसा' नामक स्थान पर लड़ा गया था।
- चौसा के इस युद्ध में हुमायूं को अपनी कुछ गलतियों के कारण हार झेलनी पड़ी थी। इस युद्ध में मुगल सेना का काफी नुकसान हुआ था।
- इस युद्ध के बाद शेर खां ने अपने आप को 'शेरशाह' की उपाधि से सुसज्जित किया था।
- कन्नौज /बिलग्राम का युद्ध (Battle of Kanauj or Billgram)
- समय : 1540 ई.
- इस लड़ाई ने मुगलों तथा शेरशाह सूरी के बीच फैसला कर दिया। इस युद्ध में हुमायूं को फिर से हार का सामना करना पड़ा।
- इस युद्ध को 'बिलग्राम' का युद्ध भी कहा जाता है।
- युद्ध के पश्चात हुमायूं को अपनी गद्दी छोड़कर जाना पड़ा और दिल्ली का राज्य शेरशाह सूरी के अधिकार में आ गया।
- पानीपत का द्वितीय युद्ध (Second Battle of Panipat)
- समय : 1556 ई.
- पानीपत का द्वितीय युद्ध उत्तर भारत के हिंदू राजा हेमचंद्र विक्रमादित्य, जिन्हें राजा हेमू भी कहा जाता है और अकबर की सेना के बीच 5 नवंबर 1556 में पानीपत के मैदान में लड़ा गया था।
- इस युद्ध में अकबर की जीत हुई। अकबर के सेनापति खान जमान और बैरम खान के लिए यह एक निर्णायक जीत थी।
- तालीकोटा का युद्ध (Battle of Tallikota)
- समय : 1565 ई.
- इस युद्ध को राक्षसी तंगड़ी का युद्ध और बन्नीहट्टी का युद्ध के नाम से भी जाना जाता है।
- यह युद्ध दक्कन की सल्तनतों और विजयनगर साम्राज्य के बीच लड़ा गया जिसमें विजयनगर साम्राज्य को हार का सामना करना पड़ा था।
- हल्दी घाटी का युद्ध (Battle of Haldighati)
- समय : 1576 ई.
- हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 को मेवाड़ के महाराणा प्रताप और मुगल सम्राट अकबर की सेना के बीच लड़ा गया था।
- अकबर की सेना का नेतृत्व आमेर के राजा मान सिंह प्रथम ने किया था, जबकि इस युद्ध में महाराणा प्रताप को मुख्य रूप से भील जनजाति का सहयोग मिला था।
- कहा जाता है कि इस युद्ध में ना ही अकबर जीत सका था और ना ही राणा प्रताप हारे थे।
- प्लासी का युद्ध (Battle of Plassey)
- समय : 1757 ई.
- प्लासी का पहला युद्ध 23 जून 1757 को मुर्शिदाबाद के दक्षिण में 22 मील दूर नदिया जिले में भागीरथी नदी के किनारे प्लासी नामक स्थान में हुआ था।
- इस युद्ध में एक ओर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना थी जिसका नेतृत्व रॉबर्ट क्लाइव ने किया तो दूसरी ओर थी बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला की सेना थीं।
- कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
- वांडीवाश का युद्ध (Battle of Wandiwash)
- समय : 1760 ई.
- वांडीवाश का युद्ध वर्ष 1760 में अंग्रेज़ों और फ़्राँसीसियों के मध्य लड़ा गया था। युद्ध में फ़्राँसीसियों की हार हुई और उन्हें पॉण्डिचेरी अंग्रेज़ों को सौंपना पड़ा।
- बंगाल के साधनों से बलशाली होकर अंग्रेज़ों ने वांडीवाश का युद्ध छेड़ा और फ्राँसीसियों को पराजित किया।
- पानीपत का तृतीय युद्ध (Third Battle of Panipat)
- समय : 1761 ई.
- पानीपत का तीसरा युद्ध मराठा सेनापति सदाशिव राव भाऊ और अहमद शाह अब्दाली के बीच 14 जनवरी 1761 को वर्तमान पानीपत के मैदान मे हुआ जो कि हरियाणा में है।
- दत्ताजी सिंधिया की हत्या पानीपत के तृतीय युद्ध का प्रमुख कारण रही।
- इस लड़ाई में मराठा सेनापति सदाशिव राव अब्दाली से लड़ाई के दांव-पेचों में मात खा गया।
- बक्सर का युद्ध (Battle of Buxar)
- समय : 1764 ई.
- बक्सर का युद्ध 22/23 अक्टूबर 1764 में बक्सर नगर के आसपास ईस्ट इंडिया कंपनी के हैक्टर मुनरो और मुगल तथा नवाबों की सेनाओं के बीच लड़ा गया था।
- बंगाल के नबाब मीर कासिम, अवध के नबाब शुजाउद्दौला, तथा मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय की संयुक्त सेना अंग्रेज कम्पनी से लड़ रही थी। जिसमे अंग्रेजो की विजय हुई।
- प्रथम आंग्ल मैसूर युद्ध
- समय : 1767-69 ई.
- प्रथम आंग्ल मैसूर युद्ध अंग्रेजों और हैदर अली के बीच 1767 से 1769 के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध का कारण मद्रास में अंग्रेजों की आक्रामक नीतियां थीं।
- इस युद्ध में अंग्रेजो की हार हुई।
- द्वितीय आंग्ल मैसूर युद्ध
- समय : 1780-84 ई.
- यह युद्ध भी अंग्रेजों और हैदर अली के बीच लड़ा गया था। जो अनिर्णित छूटा।
- तृतीय आंग्ल मैसूर युद्ध
- यह युद्ध मैसूर राज्य के शासक टीपू सुल्तान और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच 1790 से 1792 के दौरान हुआ था।
- तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध के कारण दक्षिण में टीपू की प्रभावशाली स्थिति नष्ट हो गई एवं वहाँ ब्रिटिश वर्चस्व स्थापित हो गया।
- चतुर्थ आंग्ल मैसूर युद्ध
- चौथा आंग्ल-मैसूर युद्ध, 1798-99 में दक्षिण भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और हैदराबाद-दक्कन के खिलाफ मैसूर साम्राज्य के बीच एक संघर्ष था।
- यह आंग्ल-मैसूर के हुए युद्धों में चौथी और अंतिम लड़ाई थी। अंग्रेजों ने मैसूर की राजधानी पर कब्जा कर लिया।
- युद्ध में शासक टीपू सुल्तान की मौत हो गई।
- चिलियानवाला युद्ध
- समय : 1849 ई.
- यह युद्ध ईस्ट इंडिया कंपनी और सिखों के बीच हुआ था जिसमे सिखों की हार हुई।
- भारत चीन सीमा युद्ध (Indian-China War)
- समय : 1962 ई.
- भारत-चीन युद्ध जो भारत चीन सीमा विवाद के रूप में भी जाना जाता है, चीन और भारत के बीच 1962 में हुआ एक युद्ध था।
- कुछ दिन तक युद्ध होने के बाद एकपक्षीय युद्ध विराम की घोषणा। भारत को अपनी सीमा के कुछ हिस्सों को छोड़ना पड़ा।
- भारत पाक युद्ध (Indo-Pakistan War)
- समय : 1965 ई.
- किसके बीच – भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जिसमे पाकिस्तान की हार हुई।
- भारतीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाक राष्ट्रपति अयूब खान के बीच ताशकंद में बैठक हुई, जिसमें दोनों ने एक घोषणा पत्र पर दस्तखत कर दिए।
- भारत पाक युद्ध (Indo-Pakistan War)
- समय : 1971 ई.
- इस युद्ध में भी पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी। इस लड़ाई में करीब 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों के सामने सरेंडर कर दिया था।
- फलस्वरूप बांग्लादेश एक स्वतन्त्र देश बना।
- कारगिल युद्ध (Kargil War)
- कारगिल युद्ध, जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है, भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 के बीच कश्मीर के करगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष का नाम है।
- पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा पार करके भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश की।
- युद्ध में पुनः पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा और भारतीयों को जीत मिली।