भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों के बारे में जानकारी

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05-Apr-2022 12+

भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों के बारे में जानकारी

राष्ट्रीय प्रतीक वे हैं जो किसी देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, किसी भी राष्ट्र की पहचान उस राष्ट्र के राष्ट्र चिन्हों या राष्ट्र प्रतीकों से हो जाती है। जैसे कि किसी भी देश का ध्वज उसकी पहचान होता है। इसलिए हम ध्वज देखकर बता देते हैं कि वह किस देश का है। हमारे देश भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है, लेकिन सिर्फ तिरंगा ही भारत की पहचान नहीं है।

भारत के कई राष्ट्रीय चिन्ह एवं राष्ट्रीय प्रतीक हैं जो हमारे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये प्रतीक हमारे राष्ट्र का प्रतिबिंब है और राष्ट्र की विशेषता बताते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी राष्ट्रीय प्रतीकों से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं। इसलिए हमें हमारे सभी राष्ट्रीय प्रतीकों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसलिए इस लेख के माध्यम से हम आपको राष्ट्रीय प्रतीकों की जानकारी मुहैया करवा रहे हैं-

 

  • भारत का राष्ट्रीय चिह्न

भारत का राष्ट्र चिह्न सारनाथ स्थित अशोक के सिंह स्तंभ की अनुकृति है, जो सारनाथ के संग्रहालय में सुरक्षित है। मूल स्तंभ में शीर्ष पर चार सिंह है, जो एक-दूसरे की ओर पीठ किए हुए हैं। इसके नीचे घंटे के आकार के पदम के ऊपर एक चित्र वल्लरी में एक हाथी, चौकड़ी भरता हुआ एक घोड़ा, एक सांड तथा एक सिंह की उभरी हुई मूर्तियां हैं, इसके बीच-बीच में चक्र बने हुए हैं। एक ही पत्थर को काट कर बनाए गए इस सिंह स्तंभ के ऊपर 'धर्मचक्र' रखा हुआ है।

 

भारत सरकार ने यह चिन्ह 26 जनवरी, 1950 को अपनाया। इसमें केवल तीन सिंह दिखाई पड़ते हैं, चौथा दिखाई नही देता। पट्टी के मध्य में उभरी हुई नक्काशी में चक्र है, जिसके दाईं ओर एक सांड और बाईं ओर एक घोड़ा है। दाएं तथा बाएं छोरों पर अन्य चक्रों के किनारे हैं। आधार का पदम छोड़ दिया गया है। फलक के नीचे मुण्डकोपनिषद का सूत्र 'सत्यमेव जयते' देवनागरी लिपि में अंकित है, जिसका अर्थ है- 'सत्य की ही विजय होती है'।

 

  • भारत का राष्ट्रीय ध्वज -

22 जुलाई 1947 को भारतीय संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को अपनाया था। तिरंगे में केसरिया, सफेद और हरा इन तीन रंगों की तीन क्षैतिज पट्टियां होती हैं इसलिए हमारे राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा कहा जाता है। ध्वज की चौड़ाई और लम्बाई का अनुपात क्रमश: 2:3 होता है। इसमें सफेद रंग की पट्टी के बीचों बीच गहरे नीले रंग का चक्र बना होता है जिसमें 24 तीलियाँ बनी होती हैं। क्या आप जानते हैं कि यह चक्र सारनाथ में स्थित अशोक स्तम्भ से लिया गया है। तिरंगे में केसरिया रंग त्याग और बलिदान का, सफेद रंग सत्य, शांति और पवित्रता का और हरा रंग देश की सम्रद्धि का प्रतीक होता है।

 

  • राष्ट्रीय गान -

बहुत कम ही ऐसे लोग होंगे जिन्हें नहीं पता होगा कि हमारा राष्ट्रीय गान कौन सा है। रविन्द्रनाथ टैगोर द्वारा रचित जन गण मन हमारा राष्ट्रीय गान है जिसे हम बचपन में स्कूल से लेकर आज तक गाते आ रहे हैं। राष्ट्रीय गान को पहली बार 27 दिसंबर 1911 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता सत्र में गाया गया था। 24 जनवरी 1950 में संवैधानिक सभा द्वारा भारत के राष्ट्रगान ‘जनगणमन’ को आधिकारिक रुप से अंगीकृत किया गया था। राष्ट्रगान गाने की अवधि 52 सैकंड है।

 

  • राष्ट्रीय गीत-

वंदे मातरम् भारत का राष्ट्रीय गीत है। वंदे मातरम् की रचना बंगाली उपन्यासकार बंकिम चंद्र चटर्जी ने की थी। उन्होंने इस गीत को उन्होंने 1882 बंगाली और संस्कृत में अपने उपन्यास आनंदमठ में लिखा था। वर्ष 1896 में राष्ट्रीय कांग्रेस के एक सत्र में इस गीत को पहली बार राजनीतिक अवसर पर गाया गया था। 1950 में वंदे मातरम् को राष्ट्रीय गीत घोषित किया गया था।

 

  • राष्ट्रीय पशु -

रॉयल बंगाल टाइगर यानि बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है। पूरी दुनिया में जितने भी बाघ हैं उसमें से लगभग 75 प्रतिशत बाघ भारत में पाए जाते हैं। इसलिए भारत को "लैंड ऑफ टाइगर्स" भी कहते हैं। बाघों की घटती संख्या को देखते हुए भारत सरकार ने अप्रैल 1973 में बाघों को बचाने के लिए "प्रोजेक्ट टाइगर" अभियान की शुरूआत की थी। इसी के साथ बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु भी घोषित कर दिया गया। बाघ ताकत और स्फूर्ति का प्रतीक है।

 

  • राष्ट्रीय पक्षी -

भारतीय मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। मोर के अद्भुत सौंदर्य के कारण 26 जनवरी 1963 को भारत सरकार ने इसे भारत के राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा दिया गया था। मोर का वैज्ञानिक नाम ‘पावो क्रिस्टेटस’ है। मोर भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है साथ ही ये सुदंरता, गर्व और पवित्रता को भी दिखाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान मुरुगन या कार्तिकेय का वाहन मोर है।

 

  • राष्ट्रीय नदी-

भारत की सबसे पवित्र नदी गंगा भारत की राष्ट्रीय नदी कहलाती है। गंगा की लंबाई 2510 किलोमीटर है। हिमालय के गंगोत्री ग्लेशियर से गंगा का उद्गम होता है, लेकिन उद्गम स्थल से यह भागीरथी के नाम से बहती है। इसके बाद देवप्रयाग में भागीरथी अलकनंदा में मिल जाती है और वहीं से इसे गंगा के नाम से जाना जाता है। गंगा में आगे चलकर यमुना, सोन, गोमती, कोसी और घाघरा नदियां भी मिल जाती है। हिंदू धर्म में गंगा का विशेष महत्व है।

 

  • राष्ट्रीय मुद्रा-

भारत की राष्ट्रीय मुद्रा है - रुपया। इसका बाज़ार विनियामक और जारीकर्ता भारतीय रिजर्व बैंक है। 15 जुलाई 2010 को भारतीय मुद्रा के लिए नया चिन्ह दिया गया - ₹ ।  8 जुलाई 2011 को ₹ के चिन्हों के साथ भारत में सिक्कों की शुरुआत हुई थी। उदय कुमार धर्मलिंगम ने भारतीय रुपये का चिन्ह डिजाइन किया था।

 

  • राष्ट्रीय जलचर -

गंगा नदी में पाई जाने वाली डॉल्फिन मछली को भारत के राष्ट्रीय जलचर जीव का दर्जा प्राप्त है। गंगा में पाई जाने वाली डॉल्फिन पवित्र गंगा की शुद्धता को प्रदर्शित करती है, क्योंकि ये जीव केवल शुद्ध जल में ही निवास करता है। ये दुनिया के सबसे पुराने जीवों में शुमार है। गंगा की डॉल्फिन के संरक्षण के लिए सरकार कई प्रयास कर रही है।

 

भारत के राष्ट्रीय चिन्हों की सूची-

 

शीर्षक

राष्ट्रीय प्रतीक

राष्ट्रीय ध्वज

तिरंगा

राष्ट्रगान

जन गण मन

राष्ट्रीय गीत

वंदे मातरम्

राष्ट्रीय कैलेंडर

शक कैलेंडर

राष्ट्रीय चिन्ह

अशोक स्तम्भ

राष्ट्रीय जलीय पशु

गंगा की डॉल्फिन

राष्ट्रीय विरासत पशु

हाथी

राष्ट्रीय पशु

रॉयल बंगाल टाइगर

राष्ट्रीय वृक्ष

भारतीय बरगद

राष्ट्रीय सब्जी

कद्दू

राष्ट्रीय मुद्रा

भारतीय रुपया

राष्ट्रीय पक्षी

मोर

राष्ट्रीय फूल

कमल

राष्ट्रीय सरीसृप

किंग कोबरा

राष्ट्रीय नदी

गंगा

राष्ट्रीय फल

आम

सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार

भारत रत्न

राष्ट्रीय लिपि

देवनागरी हिन्दी

 

 

 

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