राजस्थान दिवस पर जानिए

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29-Mar-2022 12+

राजस्थान दिवस पर जानिए

राजस्थान दिवस पर जानिए

राजस्थान से जुड़े रोचक तथ्य

30 मार्च 2022 को राजस्थान अपना 73वां स्थापना दिवस मना रहा है। राजस्थान अपने समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है, इस ऐतिहासिक राज्य को इसकी कला-संस्कृति, प्राचीन किलों एवं इमारतों, पारंपरिक नृत्यों, परिधानों आदि के लिए विश्व भर में जाना जाता है।  30 मार्च 1949 को राजस्थान के जोधपुर, जैसलमेर और बीकानेर जैसी बड़ी रियासतों का विलय होकर "वृहत्तर राजस्थान" संघ बना था। यही राजस्थान की स्थापना का दिवस है।

 

संपूर्ण राज्य में इस अवसर पर हर वर्ष विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। राजस्थान के 73वें स्थापना दिवस के मौके पर आइए जानते हैं राजस्थान से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां एवं तथ्य-

1.       राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य है। राजस्थान में स्थित जैसलमेर जिला गुजरात के कच्छ एवं लेह के बाद भारत का तीसरा सबसे बड़ा जिला है।

 

2.       राजस्थान को मरू प्रदेश कहा जाता है लेकिन इसके बावजूद भी राजस्थान से जुड़ा का एक अनोखा तथ्य यह भी है कि यह भारत के उन 5 शीर्ष राज्यों में से एक है जहां सबसे अधिक झीले हैं।

 

3.       राजस्थान भारत के मुख्य शॉपिंग केंद्रों में से एक है, यहां पर शॉपिंग का मुख्य आकर्षण यहां की प्रसिद्ध पारंपरिक हस्तशिल्प कला और यहां के बने विशिष्ट डिजाइन वाले आभूषण हैं।

 

4.       राजस्थान की अंतर्राज्यीय सीमा पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश और गुजरात के साथ लगती है। राजस्थान पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा भी साझा करता है।

 

5.       राजस्थान के पोखरण में भारत का पहला परमाणु परीक्षण सन् 1974 में किया गया था। जिस पर बॉलीवुड में एक फिल्म भी बन चुकी है।

 

6.       राजस्थान अपने नीले मिट्टी के बर्तनों के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है। यह राजस्थान की सबसे प्रसिद्ध कलाकृतियों में से एक है। इसे "ब्लू पॉटरी" के नाम से भी जाना जाता है।

 

7.       सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है। यहां अरावली की सबसे ऊँची चोटी गुरू शिखर स्थित है। 1722 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस पर्वत की चोटी पर गुरू दत्तात्रय का एक प्राचीन मंदिर है। जोकि भगवान दत्तात्रय को समर्पित है।

 

8.       राजस्थान में आपको अनोखे मंदिर भी देखने को मिलते हैं। मां करणी देवी का विख्यात मंदिर राजस्थान के बीकानेर से लगभग 30 किलोमीटर दूर जोधपुर रोड पर गांव देशनोक में स्थित है। इस मंदिर को "चूहे वाले मंदिर" के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इस मंदिर में आप हजारों काले चूहे देख सकते हैं। यहां सफेद चूहे के दर्शन होना काफी शुभकारी माना जाता है।

 

9.       पूरी दुनिया में ब्रह्मा का एकमात्र मंदिर राजस्थान के पुष्कर में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 14वीं शताब्दी में हुआ था। यहां मंदिर के पास ही पवित्र पुष्कर झील स्थित है, जिसे राजस्थान का "तीर्थराज" भी कहा जाता है।

 

10.   राजस्थान के पाली में स्थित ओम बन्ना का मंदिर विश्व के सभी मंदिरों से बिल्कुल अलग है। इस मंदिर की विशेषता यहां भगवान की मूर्ति नहीं, बल्कि एक मोटरसाइकिल की पूजा की जाती है। यह मोटरसाइकिल ओम सिंह राठौर की है जिनका इसी स्थान पर एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था।

 

11.   जैसलमेर से लगभग 120 किलोमीटर दूर स्थित है तनोट देवी का मंदिर, तनोट माता जैसलमेर के भूतपूर्व भाटी शासकों की कुल देवी मानी जाती हैं। वर्तमान में इस मंदिर में सेना तथा बीएसएफ के जवान पूजा करते हैं। तनोट माता को "थार की वैष्णों देवी" भी कहा जाता है।

 

12.   धार्मिक आस्था एवं प्रेम की प्रतीक लैला मजनूं की मज़ार राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की अनूपगढ तहसील में भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे बिन्जौर गाँव में स्थित है। यह मज़ार पाकिस्तान से महज़ 2 किलो मीटर दूर है। माना जाता है कि लैला-मजनूं ने अपने प्यार में विफल होने पर यहीं जान दी थी।

 

13.   जयपुर के जयगढ़ किले में रखी "जयबाण" तोप विश्व की सबसे बड़ी तोप है। जिसे देखने लाखों सैलानी प्रतिवर्ष जयपुर आते हैं। इस तोप की मारक क्षमता 22 मील है।

 

14.   राजस्थान में कई भूतिया स्थान भी है जिनमें सबसे प्रमुख है अलवर में स्थित भानगढ़ का किला। इसे किले को देखने के लिए कई सैलानी प्रतिवर्ष यहां आते हैं। किले से कई प्रकार के रहस्य जुड़े हैं और सूर्यास्त के बाद इस किले में प्रवेश पूरी तरह वर्जित है।

 

15.   जैसलमेर से 18 किलोमीटर दूर स्थित है कुलधरा गांव, इस गांव में भी सूर्यास्त के बाद जाना माना है। ऐसा माना जाता है कि इस वीरान गांव में कई प्रेत आत्माएं निवास करती हैं।

 

16.   अपनी शिल्प कला के लिए विख्यात किराडू राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित है। किराडू को "राजस्थान का खजुराहो" भी कहा जाता है। यह स्थान पिछले 900 साल से वीरान है। दिन के समय इस स्थान पर सैलानी प्रवेश कर सकते हैं। लेकिन सूर्यास्त के बाद यहां प्रवेश नहीं दिया जाता। ऐसा माना जाता है जो भी सूर्यास्त के बाद इस स्थान पर रूकता है वह पत्थर बन जाता है।

 

17.   दुनिया के सात अजूबों में शुमार आगरा स्थित ताजमहल में इस्तेमाल किए गए सफेद संगमरमर को राजस्थान के नागौर जिले के मकराना से खनन करके लाया गया था।

 

18.   जयपुर के जंतर मंतर में दुनिया की सबसे बड़ी पत्थर की सूर्य-घड़ी घर रखी हुई है। यह यूनेस्को के अनुसार विश्व की धरोहर भी है। जिसमें 19वीं शताब्दी की वास्तु खगोलीय उपकरणों का एक समृद्ध संग्रहालय भी है।

 

19.   ऐतिहासिक स्थान होने के अलावा, राजस्थान वन्यजीव प्रेमियों के लिए भी एक आदर्श स्थान है। राजस्थान में कुल मिलाकर 26 वन्यजीव अभयारण्य और 5 राष्ट्रीय उद्यान है। जहां पर विभिन्न प्रजातियों के वन्य प्राणी निवास करते हैं।

 

20.   पक्षी प्रेमियों के लिए भी राजस्थान प्रमुख स्थान है। भरतपुर जिले में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान स्थित है। इस राष्ट्रीय उद्यान में पक्षियों की 370 से भी अधिक प्रजातियां देखने को मिलती हैं। इसी कारण इस स्थान को पक्षियों का स्वर्ग भी कहा जाता है।

 

21.   राजस्थान राज्य में यूनेस्को द्वारा घोषित 8 विश्व धरोहर स्थल हैं। जो कि इस प्रकार हैं- केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, जंतर मंतर, चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़, रणथंभौर,  आमेर का किला, जैसलमेर का किला और गागरोन का किला।

 

22.   राजस्थान की शाही ट्रेन पैलेस ऑन व्हील्स का नाम दुनिया की शीर्ष दस शाही रेलगाड़ियों में दर्ज है। यह ट्रेन अपने शाही मेहमानों को 7 दिन में दिल्ली - जयपुर - सवाई माधोपुर - चित्तौड़गढ़ - उदयपुर - जैसलमेर - जोधपुर - भरतपुर - आगरा - दिल्ली का सफ़र कराती है।

इन तथ्यों को कंठस्थ करने पर आपको आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी मदद मिलेगी। क्योंकि इनमें से राजस्थान से जुड़े कई प्रश्न बन सकते हैं जिन्हें परीक्षाओं में पूछा जा सकता है। ऐसे ही ज्ञानवर्धक लेखों के लिए जुड़े रहिए कोचिंग वाले के साथ।

 

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